कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। हाल ही में कांग्रेस पार्टी के एक बयान को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। यह बयान INDIA गठबंधन के भीतर आप की भूमिका और संभावित कार्यशैली पर था। केजरीवाल ने इस बयान को लेकर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और स्पष्ट किया कि अगर इस प्रकार के बयान जारी होते रहे, तो गठबंधन में होने वाली मुश्किलें और गहरी हो सकती हैं।
कांग्रेस के कुछ नेताओं ने हाल ही में यह सवाल उठाया था कि आम आदमी पार्टी (AAP) गठबंधन के साथ पूरी निष्ठा से जुड़ी हुई है या नहीं, और क्या पार्टी अपनी अलग राजनीति को जारी रखेगी। इसके जवाब में, केजरीवाल ने न केवल कांग्रेस के बयान को नकारात्मक बताया, बल्कि यह भी कहा कि अगर INDIA गठबंधन में कोई पार्टी एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करती रही, तो गठबंधन का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।
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केजरीवाल का कहना था कि INDIA गठबंधन का उद्देश्य सिर्फ भाजपा के खिलाफ चुनावी मुकाबला करना नहीं है, बल्कि यह एक लंबी अवधि के लिए मजबूत और स्थिर विकल्प तैयार करना है। ऐसे में अगर पार्टी के भीतर मतभेद और विवाद बढ़ते हैं, तो इसका असर गठबंधन की रणनीतियों पर पड़ेगा और इससे लोगों का भरोसा भी डगमगा सकता है।
इस बयान के बाद, विपक्षी दलों के बीच चर्चाएं तेज हो गईं हैं, और अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या कांग्रेस और AAP के बीच के मतभेद INDIA गठबंधन के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए आगे आ रहे हैं, लेकिन फिलहाल दोनों पक्षों के बीच तकरार को शांत करने के प्रयास कम होते नजर आ रहे हैं। अभी तक, गठबंधन की भविष्यवाणी के बारे में कुछ साफ नहीं हो पाया है, लेकिन इस बयानबाजी ने राजनीतिक हलकों में इस गठबंधन की स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।स्पेशल रिपोर्ट में अब यह देखना होगा कि क्या इस विवाद को सुलझाया जा सकता है, और क्या गठबंधन अपने अस्तित्व को बनाए रख पाएगा या फिर कांग्रेस और AAP के बीच बढ़ती दूरी भविष्य में गठबंधन के टूटने की दिशा में संकेत दे सकती है।